उत्तर प्रदेश प्रमुख शिलालेख-

 UTTAR PRADESH GK IMPORTANT FACTS



प्रयाग का अशोक स्तम्भ लेख-- ऐतिहासिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश के प्रयाग (इलाहाबाद) में स्थित इस स्तम्भ लेख का विशेष महत्व हैं। यह पत्थर का गोल खम्भा है इस अभिलेख से ज्ञात होता है कि स्तम्भ पहले 232 ई.पू में अशोक की आज्ञा से कौशाम्बी से यहां लाया गया होगा।

सारनाथ का चौखण्ङ स्तूपः- वाराणसी से सारनाथ जाने वाले मार्ग में बायें हाथ पर एक विशाल मिट्टी के टीले के ऊपर पत्थर की अष्टकोण दीवार और छत है। समीपवर्ती लोग इसे ( सीता रसोई) के नाम से जानते हैं। यही चौखण्ङी स्तूप है। इसका निर्माण गुप्तकाल के पूर्व का माना जाता है।

धर्म राजिक स्तूपः- प्रदेश के सारनाथ में ही अशोक द्दारा निर्मित धर्म राजिक स्तूप स्थित है। इस स्तूप की केवल नीचे की नींव ही शेष बची है।

कनिष्क का मथुरा स्तम्भ लेखः- मथुरा नगर में स्थित कनिष्क का यह स्तम्भ लेख ब्राह्री लिपि में लिखा गया है।

कौशाम्बी स्तम्भ लेखः- अशोक ने उत्तर प्रदेश में स्थित कौशाम्बी में दो स्तम्भों को खडा करवाया था जिसमें से प्रथम स्तम्भ को बाद में मुगलों के काल में कौशाम्बी से हटाकर प्रयाग लाया गया और संगम पर किले के अन्दर खड़ा किया गया।

सौहगौरा कांस्य लेखः- प्रदेश के गोरखपुर जिले के सौहगौरा नामक स्थान पर स्थित यह कांस्य लेख हैं, जिसमें मौर्यकाल में अकाल से मुकाबले के लिए अनाज भण्डारों की व्यवस्था का उल्लेख हैं।

अयोध्या शिलालेखः- इस शिलालेख में पहली ई. में हुए पुष्यमित्र शुंग के वंशज सम्राट धनदेव का पारिवारिक विवरण मिलता है।

स्कन्दगुप्त का भितरी स्तम्भ लेखः- जिला गाजीपुर में स्थित यह लेख स्कन्दगुप्त ने अपने पिता जी की याद में बनवाया था।

शिवलिंग शिलालेखः- प्रदेश के फतेहपुर जिले के रेह ग्राम में स्थित यह लेख शिवलिंग पर अंकित है।

अहरौरा शिलालेखः- यह वाराणसी के पास अहरौरा नामक ग्राम में पाया गया एक छोटा-सा शिलालेख है।

पिपरहवा का धातुलेखः- यह बस्ती जिले के पिपरहवा ग्राम से प्राप्त एक कलश लेख है। इसी से ही जानकारी मिलती है कि प्राचीन कपिलवस्तु , पिपरहवा ही था।